Posted on 22 May 2010 by admin
नई दिल्ली – सूचना के कानून से जुड़े एक मामले में डीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ दिए आदेश पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने हदें पार की हैं। जस्टिस बदर दुरेज अहमद और जस्टिस वीना बीरबल की बेंच ने शुक्रवार को दिए एक अहम फैसले में कहा कि जिस कानून ने केंद्रीय सूचना आयोग और उसके मुख्य सूचना आयुक्त को जन्म दिया, उसी का उल्लंघन इस मामले में देखने में आया है। सीआईसी और मुख्य आयुक्त ने शक्तियों की सीमा लांघा है। अदालत ने डीडीए उपाध्यक्ष के उपस्थित न होने पर सीआईसी द्वारा सितंबर, 2009 में दिए आदेश को दरकिनार करते हुए कहा कि डीडीए उपाध्यक्ष के न पहुंच पाने का प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। हाईकोर्ट ने सीआईसी द्वारा बेंच बनाकर सुनवाई करने को भी एक्ट की परिधि से बाहर की बात बताया है।
डीडीए के स्थाई अधिवक्ता अजय वर्मा ने दलील दी थी कि सीआईसी न तो हाईकोर्ट जैसी शक्तियां रखता है और न सुप्रीम कोर्ट जैसी, जिसमें कि किसी भी व्यक्ति को पेश होने का आदेश दिया जा सके। अदालत ने कहा कि सीआईसी किसी मामले की सुनवाई के दौरान व्यक्ति को मौखिक या लिखित बयान देने अथवा दस्तावेज पेश करने के लिए ही बुला सकती है। डीडीए उपाध्यक्ष को उनके पास मौजूद किसी दस्तावेज को पेश करने के लिए समन नहीं किया गया। उन्हें मौके पर किसी और वजह से उपस्थित होने को कहा गया और ये सीआईसी को नहीं मिला है। अदालत ने सीआईसी द्वारा डीडीए के सभी विभागों में लंबित आरटीआई मामलों की जांच के लिए 22 सितंबर, 09 को समिति बनाने के आदेश को भी दरकिनार कर दिया। सीआईसी ने आदेश दिया था कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की निदेशक सुजाता चतुर्वेदी समेत एनजीओ हैजार्डस सेंटर से दूनो रॉय और आयोग के संयुक्त रजिस्ट्रार केपी श्रेयस्कर की समिति 45 कार्य दिवसों में जांच रिपोर्ट सौंपे। आरटीआई आवेदक सर्वजीत राय ने शिकायत की थी कि डीडीए में सूचना अधिकार कानून का अनुपालन ठीक ढंग से नहीं होता है।
Posted on 21 May 2010 by admin
शिमला में राष्ट्रीय लेखा एवं लेखा परीक्षा अकादमी के डायमंड जुबली समारोह के अवसर पर उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने कहा है कि आरटीआई एक्ट के अधीन आने वाली सभी संस्थाओं, एनजीओ, सोसाइटी और ट्रस्ट को भी कैग के ऑडिट के दायरे में लाया जाना चाहिए। वर्तमान में 1971 एक्ट के तहत इन सभी संस्थाओं को कैग के ऑडिट के तहत लाए जाने का प्रावधान नहीं है। पब्लिक ऑडिट की प्रकिया में कई सुधार किए जाने की आवश्यकता अभी भी महसूस की जा रही है।
डॉ. अंसारी ने कहा कि ऑडिट प्रक्रिया में कई ऐसी खामियां हैं, जिन्हें दूर किया जाए तो जनता को सुशासन मुहैया कराया जा सकता है। अभी कैग के पास ऐसा अधिकार नहीं है, जिससे वह राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को समन जारी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। कैग के अधीन ऐसी संवैधानिक बॉडी का गठन किया जाना चाहिए जिसके पास ऐसे अधिकार निहित हों।
डॉ. अंसारी ने कहा कि कोई भी संस्था जो सूचना के अधिकार के दायरे में आती है, उसे कैग के ऑडिट के अधीन भी लाया जाना चाहिए। पब्लिक ऑडिट का उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है, जब रिकॉर्ड को निर्धारित समयसीमा में बिना बाधा के मुहैया कराया जाता है।
Posted on 19 May 2010 by admin
रायबरेली – यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि देश के लोगों को जल्द ही भोजन का अधिकार कानून का तोहफा मिलेगा।
तीन दिन की यात्रा पर अपने संसदीय क्षेत्र आई सोनिया सरैनी में उपडाकघर का उद्घाटन करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सूचना का अधिकार और शिक्षा का अधिकार जैसे जनहित के कानून बनाए है। अब भोजन के अधिकार का तोहफा भी जल्द देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस कानून के प्रारूप पर काम चल रहा है। इसे जल्द ही कानूनी रूप दिया जाएगा। रायबरेली और अमेठी को प्रदेश सरकार द्वारा सर्वाधित उपेक्षा का शिकार बताते हुए सोनिया ने आहवान किया के अगर वो विकास चाहते हैं तो राज्य में कांग्रेस की सरकार बनावाएं। इस बीच पुरेवली गांव के लोगों ने बिजली विभाग के कारनामों से परेशान होकर गांधी के काफिले को रोक दिया व उनसे हस्तक्षेप करन का आग्राह किया। लोगों ने कहा कि उनके गांव में बिजली का कनेक्शन नहीं दिया गया है, लेकिन बिल दे दिए गए हैं।
Posted on 15 May 2010 by admin
अभाविप जिलाध्यक्ष ने सूचना अधिकार के तहत मांगी सूचनाएं
पौराणिक काल से ही जिले के लोगों को जीवन प्रदान करने वाली पवित्रा मन्दाकिनी को प्रदूषण मुक्त कर उसे वास्तविक स्वरूप में बनाए रखने के लिए अब लोग जागरूक होने लगे हैं। कुछ लोग इसकी साफ-सफाई में जुटे हुए है वहीं कुछ लोग अब यह पता लगाने की जुगत भिड़ाने में लग गए हैं कि इसकी सफाई के लिए शासन से अब तक कितना धन मिला और उस धन का कहां उपयोग हुआ। इसके लिए अ.भ.वि.प. के जिलाध्यक्ष ने जनसूचना अधिकार अनिधिनियम के तहत जिला जन सूचना अधिकारी को पत्रा लिख कुछ बिन्दुओं पर सूचनाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि निर्धारित समय में उन्हें सूचनाएं नहीं मिली तो वे उच्च स्तर से सूचनाएं मांगेगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला अध्यक्ष पद्मनाभ उपाध्याय ने जन सूचना अधिकार अधिकनियम के तहत जिला जन सूचना अधिकारी को रजिस्टर्ड डाक पत्रा भेजा है। जिसमें उन्होंने जिला वासियों को जीवन देने वाली पवित्रा मन्दाकिनी नदी की सफाई के लिए शासन से मिले धन की जानकारी चाही है। इसके अलावा उन्होंने “सीवेज-ट्रीटमेंट प्लांट´´ योजना के तहत जिले को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए धन का विवरण देने के साथ-साथ उस धन का कितना उपयोग और कहां उपयोग किया गया यह सूचना उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके अलावा मन्दाकिनी नदी के घाटों की सफाई के लिए सम्बंधित विभागों को मिलने वाले वाषिZक बजट और विभगावार मन्दाकिनी सफाई में खर्च हुए धन का ब्योरा भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यदि समय पर विभाग द्वारा सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई तो वे उच्चस्तर के अधिकारियों को पत्रा लिख इसकी जानकारी करेंगे। यदि फिर भी उन्हें उनके द्वारा मांगी गई सूचनाएं नहीं मिलती तो विद्यार्थी परिषद आन्दोलन कर मन्दाकिनी सफाई के लिए सरकार से मिले धन की पाई-पाई का हिसाब लेगा।
Posted on 15 May 2010 by admin
सुलतानपुर – जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सभासद अजहर जमाल उर्फ सोनू ने अपर जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ चार बिन्दुओं पर सूचना उपलब्ध कराये जाने की मांग की है। सभासद श्री सोनू ने जन सूचना अधिकारी अपर जिलाधिकारी को दिये गये पा्रर्थना पत्र में चार प्रमूख बिन्दंओं पर जन सूचना उपलब्ध कराये जाने की मांग की है। नगर पालिका क्षेत्र में नर्सिंग होम की संख्या निजी अस्पताल, होटल, रेसटोरेन्ट व कामप्लेक्स दर्ज हैं। उपरोक्त से सम्बन्धित करो का निर्धारण में नगर पालिका ने क्या आधार बनाया है। नगर स्थित सुपर मार्केट की संख्या कितनी है और उन दुकानों का आबंटन किसके नाम से है। उपरोक्त दुकानों का ब्योरा के साथ आय की भी मांग की हैं
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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