राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने “खेल निदेशालय” के अधिकारियों की
समीक्षा बैठक करते हुए, सम्बन्धित अधिकारियों से “सूचना अधिकार अधिनियम-2005”
के तहत आर0टी0आई0 से सम्बन्धित रिपोर्ट की जानकारी और सूचना अधिकार अधिनियम के
तहत आने वाले आवेदनों को नियमावली के तहत निपटाने में उनके सामने कैसी
समस्याएं आती है, से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी के विषय में पूछा, और उन्हें
सूचना अधिकार अधिनियम की नई नियमावली-2015 के विषय में “खेल निदेशालय” के
अधिकारियों को अवगत कराया कि जिन सूचनाओं का सम्बन्ध आपके विभाग के अधिकारियों
से हो और वह आपको वादी की सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, तो ऐसे अधिकारियों
को सूचना अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 5(5), 5(4) के तहत वादी की सूचना (सूचना
धारित अधिकारी) को पत्र लिखकर सूचित करें कि वादी की सूचनाएं उपलब्ध कराये,
इसके बावजूद भी सम्बन्धित अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, तो
इसकी सूचना आप आयोग को दे, फिर आयोग सम्बन्धित अधिकारी को धारा 5(5), 5(4) के
तहत नोटिस जारी करेगा कि वादी की सूचनाएं उपलब्ध कराये, फिर भी सम्बन्धित
अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, तो फिर आयोग जनसूचना अधिकारी
पर कार्यवाही न करके, सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध सूचना अधिकार अधिनियम-2005
की धारा 20(1) के तहत दण्डात्मक एवं धारा 20(2) के तहत विभागीय कार्यवाही
करेगा।
श्री हाफिज उस्मान ने “खेल निदेशालय” के अधिकारियों को सूचना अधिकार
अधिनियम-2005 की नई नियमावली-2015 की विस्तृत जानकारी देते हुए, उन्हें बताया
कि प्रत्येक लोक प्राधिकरण द्वारा अपने अधीन प्रशासनिक इकाईयों तथा कार्यालयों
में उतनी संख्या में जितनी आवश्यकता हो, अधिकारियों को राज्य लोक सूचना
अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाये। राज्य लोक सूचना अधिकारियों से
वरिष्ठ अधिकारी को अधिनियम की धारा 19 की उपधारा (1) के अधीन दाखिल की गयी,
अपील सुनकर उपसर निर्णय देने हेतु प्रथम अलीलीय प्राधिकारी नियुक्त किया जाये।
ऐसी नियुक्ति सम्बन्धित अधिकारी के नाम से न होकर पदनाम से होगी।
श्री हाफिज उस्मान ने खेल निदेशालय के अधिकारियों को निदेर्शित किया कि विभाग
द्वारा आवेदनकर्ता को यह बताया जाये कि वह सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत
जो सूचना चाह रहे हैं, वह सादे कागज पर स्पष्ट लिखित, टंकित या सूचना अधिकार
अधिनियम के प्रारूप पर सूचना मांगे जो नए नियमावली के निर्धारित 500 शब्दों से
अधिक न हो, और स्पष्ट एवं पठनीय हो तथा जो सूचना तृतीय पक्ष या व्यक्तिगत की
सूचना हो, उसके सम्बन्ध में आर0टी0आई0 की धारा 8 (जे) के तहत आप तृतीय पक्ष से
पत्राचार कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, कि उसकी सूचना आवेदनकर्ता को दी
जाये या नहीं, जैसा तृतीय पक्ष द्वारा बताया जाये वैसी रिपोर्ट आवेदनकर्ता को
दी जाये। मामला राज्य सूचना आयोग में आने पर आयोग इसे संज्ञान में लेगा और
नियम के तहत उसका निस्तारण करेगा, जिस सूचना का सम्बन्ध आपके विभाग से
सम्बन्धित न हो, उस प्रार्थना-पत्र को शीघ्र ही अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत
05 दिन के अन्दर सम्बन्धित विभाग को अन्तरित करते हुए, प्रार्थी और आयोग दोनों
को सूचित कर दें। राज्य सूचना आयुक्त ने विभाग के अधिकारियों को यह भी बताया
कि शीघ्र ही वह अपने नेम प्लेट, फोन नम्बर, मिलने का समय कार्यालय में
सूचीबद्ध तरीके से लगाये, ताकि आर0टी0आई0 कार्यकर्ताओं को सूचनाएं प्राप्त
करने में कोई असुविधा न हो, और भविष्य में उनसे आयोग द्वारा भी सम्पर्क किया
जा सके, और आयोग की आधिकारिक वेबसाइट नचपबण्हवअण्पद पर भी समय-समय पर सप्ताहिक
वादों की सूची (पार्ट-1 और पार्ट-2) के तहत जानकारी हासिल की जा सकती है।
खेल निदेशालय द्वारा आयोग को दी गयी सूची पर राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज
उस्मान ने सख्त रूख अपनाते हुए, अधिकारियों को निदेर्शित किया पिछले एक साल
में जनसूचना अधिकारियों के पास कितने आर0टी0आई0 के आवेदन आये है, उनमें से
कितनों का निस्तारण जनसूचना अधिकारी द्वारा किया गया है, और कितने आवेदक
जनसूचना अधिकारियों से संतुष्ट न होने पर अपीली अधिकारियों के पास अपील की गयी
है, कितने वाद राज्य सूचना आयोग में लम्बित है, उन सभी की सूची अगली तिथि
30.06.2017 को आयोग में अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। आज की समीक्षा बैठक
में कुछ अधिकारी उपस्थित रहे, उनमें कुछ के नाम इस प्रकार है, डाॅ0 आर0पी0
सिंह निदेशक खेल, श्री अनिल कुमार बनौधा संयुक्त निदेशक खेल, श्री एस0एस0
मिश्रा, क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी व अन्य उपस्थित रहे।