नई दिल्ली – सरकार ने उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के पद पर प्रोन्नति के लिए भेजे गए उन जजों के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है जिनके नाम पर राष्ट्रपति ने आपत्ति प्रकट की है। अब इस मामले पर केन्द्रीय सूचना आयोग को फैसला करना है। इस बारे में सूचना सामाजिक कार्यकर्ता एस.सी अग्रवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई) के तहत मांगी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अग्रवाल के आवेदन पर केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी ने कहा था कि मन्त्रालय के पास ऐसी कोई सूची नहीं है। यह आवेदन राष्ट्रपति सचिवालय के पास पहुंचा थाए जहां से इसे जवाब देने के लिए मन्त्रालय के पास भेज दिया गया था। आवेदन में पूछा गया था कि उच्चतम न्यायालय के लिए अथवा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश पदों पर प्रोन्नति के लिए किन जजों का नाम कम से कम एक बारं लौटाया गया।
अग्रवाल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की पदोन्नति के प्रस्ताव को विधि मन्त्रालय द्वारा कोलेजियम को लौटाने के परिप्रेक्ष्य में यह जानकारी मांगी थी। प्रथम अपीली प्राधिकार तथा संयुक्त सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी ने आवेदनकर्ता को सूचित किया कि ऐसी कोई सूची रखने की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा इस बारे में कोई सूचना नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि किसी अन्य प्राधिकार के पास ऐसी सूचना है अथवा नहीं।