Posted on 04 September 2012 by admin
ऽ हाल जन सूचना अधिकार का
एक माह बीत जाने के बाद भी प्रषासन के द्वारा कोई कार्य वाही न किया जाना यह अधकारियो के उपर सवालिया निषान उठाता है और उनकी कार्य षैली पर आम जन मानस को उॅगली उठाने को विवष करता र्है। ऐसा ही एक मामला राही जन सेवा संस्थान द्वारा अपर जिलाधिकारी प्रषासन को दिए गये षिकायती पत्र के अनुसार उन्होंन्ेा एक माह पूर्व नगर में गरीबों के निवास के लिए मायावती सरकार ने आवासीय व्यवस्था के तहत मा0 काषीराम षहरी आवास निर्मित किए गये थे। इस योजना के आवंटन में की गई अनियमितता के सम्बनध में कार्यवाही करने का प्रार्थना पत्र जन हित में दिया था। परन्तु एक माह बीत जाने के बाद भी जब अपर जिलाधिकरी प्रषासन ने कोई कार्यवाही नहीं की तो पुनः प्रार्थना देकर कार्यवाही से अवगत कराने की जानकारी मांगी है। जब इस बाबत राही जन सेवा संस्थान से बात की गई तो उनका कहना कि आवासीय आवंटन में हुए खेल को मैं पर्दाफास करके पात्र व्यक्तियों कोे आवास दिलाने तक संघर्स करता रहूॅगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 23 August 2012 by admin
ऽ जन सूचना अधिकार के तहत हुआ खुलासा
ऽ राही जन सेवा संस्थान ने मांगी थी सूचना
ऽ प्रषासन नहीं कर रहा है कोई कार्यवाही
कुछ वर्ष पूर्व माननीय उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका के आदेष के अनुपालन में जिला प्रषासन द्वारा अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाकर जनपद के नगर क्षेत्र केा अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। लेकिन कुछ अपवाद को छोड़ दंे ंतो उस अतिक्रमण अभियान के चपेट में अधिकतर गरीब,मजबूर, बेबस लोग ही आये थे। जो पटरी गुमटी पर फल, सब्जी, चाय-पान बेचकर किसी तरह अपने परिवार को पेट पाल रहे थे। रोज कमाओं रोज खाओ उनका नसीब बन चुका था। जो चाहकर भी अपने जीवको पार्जन के लिए स्थाई व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे। उन गरीब मजलूमों केा उजाड़ने के विरोध में ष्षहर के कुछ समाज सेवी आगे आये तो उनको जेल के पीछे डाल दिया गया। लेकिन इसी ष्षहर सभ्रान्त लोग खुले आम रोड पर 30-30 फिट का अतिक्रमण कर प्रषासन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। नगर में अतिक्रमण इस कदर बढ़ गया है कि रोड पर खुले आम अतिक्रमण कर लिया जाता है और अपनी पहुॅच के बल पर किसी भी कार्यवाही को अंजाम देने के पहले ही कार्य को रूकवा दिया जाता है। इसी तरह का मामला एक संस्था द्वारा जन सूचना मांगने पर खुलाषा हुआ। इसी सिलसिले में राही जन सेवा संस्थान ने उपजिलाधिरी को रोड का अतिक्रमण करने वालों के उपर कार्यवाही करने का ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा कया गया है कि फैजाबाद रोड पर स्थित गोमती नगर में आस्था हास्पिटल द्वारा सड़क पर किया गया अतिक्रमण क्यों नहीं हटवाया गया जब कि जन सूचना के माध्यम से स्पष्ट हो गया है कि आस्था हास्पिटल द्वारा चहर दीवारी बनाकर सढ़क के मध्य से 25 फिट की दूरी पर अतिक्रमण किया गया है। आस्था हास्पिटल के मानचित्र में स्वीकृत मानचित्र में रोड की चैड़ाई 55 फिट दर्षायी गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 27 December 2011 by admin
वांछित सूचनाएं देने के बजाय दी जाती गोल मोल अधूरी सूचनाएं
जन सूचना अधिकार अधिनियम की जमकर धज्जियां उडाई जा रही है। वांछित सूचनाएं देने के बजाय गोलमोल व अधूरी सूचनाएं देना विभाग के आदत में शुमार हो गया है। जिससे आवेदकों को मजबूरन सूचना आयोग की शरण लेनी पड़ती है। आयोग द्वारा अर्थदण्ड कें साथ पारित आदेश के बाद भी, अधूरी सूचनाएं प्राप्त होने पर आवेदक ने पुनः जिला विद्यालय निरीक्षक से सूचना मांगी है। मामला लम्भुआ बाजार स्थित सर्वोदय इण्टर कालेज में तैनात शिक्षक दिनेश कुमार सिंह की कालेज में नियुक्ति से जुड़ी सूचनाओं का है। दिनेश कुमार सिंह की नियुक्ति पत्रावली के सम्बन्ध में सूर्यपाल पुत्र मोहन उर्फ लहूरी निवासी नौगवां ने 19जूने 2009 को जिला विद्यालय निरीक्षक सुलतानपुर से सूचनाओं की मांग की थी । सूचनाएं न मिलने पर आवेदक ने आयोग की शरण ली। आयोग के नोटिस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने विद्यालय के प्रबन्धक को सूचनाएं देने के लिए लिखा जबकि कुछ सूचनाएं मात्र जिला विद्यालय निरीक्षक से ही मिल सकती थी। फिर भी प्रबन्धक पर जिम्मेदारी थोंप कर जि0वि0नि0 ने अपना पल्ला झाड़ लिया। इतनी अधिक बीत जाने पर भी सूचनाएं न दिये जाने सूचना आयुक्त सुनील कुमार चैधरी ने अपने आदेश दिनांक 19अक्टूबर 2011का विपक्षी को 250/-रूपये प्रतिदिन के हिसाब से अर्थदण्ड निर्धारित करते हुए जो अधिकतम 25000/-रूपये हो सकती है, सूचनाएं देने के आदेश देते हुए मामले को निर्णीत कर दिया। तब विपक्षी ने प्रबन्धक द्वारा दी गयी सूचना उपलब्ध करायी। जिससे मात्र प्रबन्धक ने अपने स्तर से सूचनाएं तो दे दी किन्तु जिला विद्यालय निरीक्षक ने अपने स्तर की सूचनाओं के सम्बन्ध में चुप्पी साध ली है। इस सम्बन्ध में आवेदक सूर्यपाल ने पुनः जिला विद्यालय निरीक्षक से सूचनाएं मांगी है। माना जाता है कि श्री दिनेश कुमार सिंह की हुई अवैध नियुक्ति की पत्रावली कार्यालय से गायब करा दी गयी है। विद्यालय के प्रबन्धक स्तर से मिली सूचना से यह स्पष्ट होता है कि उनकी नियुक्ति के समय उनके सगे चाचा श्री राजेश्वरी सिंह विद्यालय की प्रबन्धकारिणी समिति के पदाधिकारी थे। जबकि किसी ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जा सकती है जिसका कोई निकट सम्बन्धी प्रबन्धकारिणी समिति का पदाधिकारी हो। आवेदक सूर्यपाल ने इस प्रतिनिधि को बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक जब तक सूचनाएं नहीं दे देते हैं तब तक वह निराश नहीं बैठेगा इसके लिए सभी हरसम्भव प्रयास होता रहेगा ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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