सूबे में सत्ता का हस्तांतरण अखिलेश यादव से योगी आदित्यनाथ को होने के बाद नए सीएम योगी के की साफ-सफाई की मुहिम के चलते अखिलेश के कार्यकाल में किये गये काले कारनामों के छुपे हुए कंकाल और नरमुंड एक-एक कर सरकारी अलमारियों से बाहर आने लगे हैं l फिर चाहें वह आवास विभाग हो , लोक निर्माण विभाग हो , सिंचाई विभाग हो या और कोई विभाग; कोई भी विभाग ऐसा नहीं दिख रहा है जो अखिलेश के समय में भ्रष्टाचार से अछूता रहा हो l इसी बीच सूबे के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव पर राजनैतिक लाभ लेने के लिए अक्षम और अयोग्य व्यक्तियों को राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों जैसा महत्वपूर्ण पद रेवड़ियों की तरह बांटने का आरोप लगाते हुए राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी और बाकी सभी 8 आयुक्तों पर सूचना आयोग में बैठकर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए आज राजधानी लखनऊ में समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में धरना देकर अपनी 2 मांगें बुलंद की हैं l
धरने की आयोजिका उर्वशी शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस धरने का आयोजन सूचना आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को समाप्त कराकर नागरिकों को निर्वाध रूप से आरटीआई प्रयोग करने के संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए पर्याप्त अवसर दिलाने के वृहद् लोकहित को पूरा कराने के लिए किया है l उर्वशी ने बताया कि आरटीआई एक्ट की प्रस्तावना में ही नागरिकों को दायित्व दिया गया है कि वे इस जानने के अधिकार का प्रयोग करें और गवर्नेंस में सहभागिता कर भारत के लोकतंत्र को मजबूती दें परन्तु उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में वर्तमान कार्यरत मुख्य सूचना आयुक्त और सभी सूचना आयुक्तों में एक्ट का ज्ञान न होने; एक्ट, नियमावली और सामान्य कानूनों की सामान्य समझ भी न होने; अपने कार्यों के प्रति वफादारी की कमी होने;अपने मालिक अर्थात देश के नागरिकों के प्रति वफादारी की कमी होने ;कार्य समय में पदीय कार्य न करके व्यक्तिगत कार्य करने की आदत होने; अपने मालिक अर्थात देश के नागरिकों का दिया काम पूरा न करने की आदत होने;राजकोष में सेंध लगाकर भ्रष्टाचार करने और व्यय का हिसाब न देने;अधिकतर बिना बताये छुट्टी पर रहने की आदत होने और कार्य करते समय भेदभाव करने की आदत होने के कारण नागरिक आरटीआई प्रयोग करने के अपने संवैधानिक दायित्व का पूर्ण अनुपालन नहीं कर पा रहे हैं और आयोग में निरंतर ही उनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है l बकौल उर्वशी उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के सभी क्रियाकलाप भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की गिरफ्त में हैं जिनके प्रमाण उनके पास हैं l
कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले एक्टिविस्टों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, यूपी के राज्यपाल और यूपी के मुख्यमंत्री को संबोधित संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित 3 ज्ञापन प्रेषित कर उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्तों के खिलाफ राज्यपाल द्वारा अनुशंषा कर उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक सुधार विभाग को अग्रसारित किये गये 303 प्रकरणों को तत्काल माननीय उच्चतम न्यायालय को प्रेषित कर इन सभी प्रकरणों का निस्तारण आरटीआई एक्ट की धारा 17 के अनुसार कराकर यथावश्यक दंडात्मक कार्यवाही कराये जाने और राज्य सूचना आयोग में खाली पड़े दो पदों पर आरटीआई कानून का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले समाज के प्रख्यात व्यक्तियों की नियुक्ति माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा नमित शर्मा प्रकरण के आदेश में निर्धारित की गई प्रक्रिया का अक्षरशः अनुपालन कर पूर्णतया पारदर्शी रीति से किये जाने की 2 मांगें बुलंद कीं l
धरने का समर्थन कर रहे ‘सूचना का अधिकार बचाओ अभियान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि आने वाले कल यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने आरटीआई कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर वार्ता हेतु उनके संगठन के प्रतिनिधिमंडल से व्यक्तिगत भेंट हेतु समय दिया है जिसके लिए उनके और उनके संगठन की संरक्षिका उर्वशी शर्मा के संयुक्त नेतृत्व में संगठन का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से भेंट कर उनको RTI कार्यकर्ताओं की समस्याओं से रूबरू कराएगा और इन समस्याओं के समाधान की अपील करेगा l
अशोक कुमार गोयल, हरपाल सिंह,होमेंद्र कुमार मिश्रा,आनंद प्रसाद, ज्ञानेश पाण्डेय,संजय आजाद,सैयद नईम अहमद , सुखदेव तिवारी, इकरार अंसारी आदि लखनऊ के प्रतिष्ठित नागरिकों ने भी उर्वशी के धरने का समर्थन किया l
उर्वशी ने बताया कि उनको आशा है कि सीएम योगी आरटीआई कार्यकर्ताओं की दोनों मांगे को अवश्य पूरा करेंगे l