सरकार द्वारा प्रस्तावित सूचनाधिकार नियमावली में आवेदक की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होने वाले प्रस्ताव का विरोध
प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया गया
देश में प्रभावी जन लोकपाल, व्हिसिल ब्लोवर सुरक्षा कानून की मांग
केद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सूचना का अधिकार नियमावली 2017 में आवेदक की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होने वाले प्रस्ताव को वापस लिए जाने के लिए वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ताओं और सूचनाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध मार्च निकाला गया, जिसके उपरांत प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित करने हेतु सौंपा गया.
सूचना का अधिकार अभियान उत्तर प्रदेश और साझा संस्कृति मंच के संयुक्त तत्वावधान ने आयोजित इस प्रतिरोध मार्च के दौरान वक्ताओं ने बताया भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की 31 मार्च 2017 के एक परिपत्र के अनुसार सूचना का अधिकार नियमावली 2017 लागू किये जाने का प्रस्ताव है. जिसकी नियम संख्या 12 के अनुसार किसी आवेदक द्वारा सूचना न मिलने पर की गयी प्रथम या द्वितीय अपील की सुनवाई के दौरान यदि उसकी मृत्यु हो जाती है तो अपील स्वतः निरस्त हो जायेगी. सूचना के अधिकार नियमावली में इस प्रकार का प्राविधान, बेहद खतरनाक साबित होगा, इससे भ्रष्टाचार के मामलों के खुलासे के पूर्व सुनवाई के दौरान आवेदक की हत्या के मामले बढ़ेंगे. विगत 12 वर्षों में देश के विभिन्न प्रदेशों में हजारों की संख्या में सूचनाधिकार आवेदकों पर हमले और हत्या की घटनाएँ हो चुकी हैं. ऐसे में यदि मृत्यु के बाद अपील के स्वतः निरस्त होने की व्यवस्था लागू कर दी गयी तो भ्रष्टाचार में लिप्त कतिपय अधिकारी सूचना देने के बजाय आवेदक को रास्ते से हटाने के लिए हथकंडे अपनाएंगे.
वक्ताओं ने कहा कि देश से भ्रष्टाचार के सम्पूर्ण खात्मे के लिए सूचना के अधिकार कानून को और मजबूत किये जाने की आवश्यकता है, ऐसे में आवेदक की सुरक्षा के प्रति नरमी नही बरती जानी चाहिए बल्कि प्रभावी ढंग से जन लोकपाल कानून, व्हिसिल ब्लोवर सुरक्षा कानून लागू किये जाने चाहिए. सूचना के अधिकार के प्रयोग से उजागर होने वाले भ्रष्टाचार के मामलों को स्वतः संज्ञान में लेते हुए भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में इस प्रस्ताव को वापस लिए जाने के साथ ही, सभी केन्द्रीय और राज्य सरकार के विभागों में सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 4 एक बी के तहत 17 बिन्दुओं पर सूचनाओं का नियमित रूप से स्वतः प्रकटन करने की व्यवस्था को और प्रभावी किये जाने की अपील की गयी.
कार्यक्रम में फादर आनंद, धनंजय त्रिपाठी, डा आनंद प्रकाश तिवारी, चिंतामणि सेठ, जागृति राही, रवि शेखर, प्रेम सोनकर, दीन दयाल सिंह, विनय सिंह, लक्ष्मण प्रसाद, रामजनम भाई, फादर दयाकर, डा अनूप श्रमिक, ओम प्रकाश मिश्र, दिवाकर सिंह, मुकेश उपाध्याय, महेंद्र राठोर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे. कार्यक्रम संयोजन सूचना का अधिकार अभियान उत्तर प्रदेश के सह संयोजक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने किया.
भवदीय
वल्लभाचार्य पाण्डेय
सह संयोजक
सूचना का अधिकार अभियान उत्तर प्रदेश
मो: 9415256848