शिमला में राष्ट्रीय लेखा एवं लेखा परीक्षा अकादमी के डायमंड जुबली समारोह के अवसर पर उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने कहा है कि आरटीआई एक्ट के अधीन आने वाली सभी संस्थाओं, एनजीओ, सोसाइटी और ट्रस्ट को भी कैग के ऑडिट के दायरे में लाया जाना चाहिए। वर्तमान में 1971 एक्ट के तहत इन सभी संस्थाओं को कैग के ऑडिट के तहत लाए जाने का प्रावधान नहीं है। पब्लिक ऑडिट की प्रकिया में कई सुधार किए जाने की आवश्यकता अभी भी महसूस की जा रही है।
डॉ. अंसारी ने कहा कि ऑडिट प्रक्रिया में कई ऐसी खामियां हैं, जिन्हें दूर किया जाए तो जनता को सुशासन मुहैया कराया जा सकता है। अभी कैग के पास ऐसा अधिकार नहीं है, जिससे वह राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को समन जारी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। कैग के अधीन ऐसी संवैधानिक बॉडी का गठन किया जाना चाहिए जिसके पास ऐसे अधिकार निहित हों।
डॉ. अंसारी ने कहा कि कोई भी संस्था जो सूचना के अधिकार के दायरे में आती है, उसे कैग के ऑडिट के अधीन भी लाया जाना चाहिए। पब्लिक ऑडिट का उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है, जब रिकॉर्ड को निर्धारित समयसीमा में बिना बाधा के मुहैया कराया जाता है।