श्री डी डी मिश्रा, डीआईजी, फायर सर्विस, उत्तर प्रदेश को एंटी करप्शन ओर्गेनाइजेशन में ही तैनात किये जाने सम्बन्धी उत्तर प्रदेश शासन के आदेश का सन्दर्भ ग्रहण करें. मैं आपको बताना चाह रही हूँ कि आपके इस आदेश का जनमानस में बहुत ही गलत सन्देश गया है. पारदर्शिता एवं उत्तदायित्व के क्षेत्र में कार्यरत लखनऊ स्थित सामाजिक संस्था नेशनल आरटीआई फोरम श्री डी डी मिश्रा, डीआईजी, फायर सर्विस, उत्तर प्रदेश को एंटी करप्शन ओर्गेनाइजेशन में ही तैनात किये जाने की इस कार्यवाही की घोर निंदा करती है क्योंकि श्री मिश्रा द्वारा श्री कुंवर फ़तेह बहादुर, प्रमुख सचिव, गृह, उत्तर प्रदेश एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार विषयक आरोपों की जांच श्री अतुल, पुलिस महानिदेशक, एंटी करप्शन ओर्गेनाइजेशन द्वारा ही किया जा रहा है. इस तरह एक ऐसी विचित्र स्थिति पैदा हो जा रही है जिसमे इतने गंभीर आरोपों की जांच करने वाले अधिकारी और आरोपकर्ता एक ही विभाग में तैनात हो गए हैं जहां श्री अतुल जांचकर्ता के अलावा श्री डी डी मिश्रा के दैनन्दिनी के कार्यों के पर्यवेक्षक अधिकारी भी बन गए हैं. स्वाभाविक है कि ऐसी स्थितियों में श्री डी डी मिश्रा संभवतः अपनी शिकायतें उतना खुल कर और उतनी स्पष्टता के साथ जांच अधिकारी को नहीं कह सकें. यह प्राकृतिक न्याय के उस मूलभूत सिद्धांत के भी विपरीत है जो कहता है कि न्याय ना सिर्फ होना चाहिए बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए.
हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर श्री डी डी मिश्रा को उसी विभाग में ट्रांसफर करने की क्या जरूरत आ गयी थी जहां उनके आरोपों की जांच हो रही है. हमें तो यह उस जांच को गलत ढंग से प्रभावित करने का ही एक प्रयास दिखता है. अतः नेशनल आरटीआई फोरम की कन्वेनर के रूप में मैं आपसे यह अनुरोध करती हूँ कि कृपया आप इस आदेश पर पुनर्विचार कर इसे उचित ढंग से संशोधित करें ताकि जो गलत सन्देश पूरे राज्य और देश भर में जा रहा है, उसका अंत हो सके.
The National RTI Forum, an organization working in the field of transparency and accountability strongly condemns the posting of D D Mishra, DIG from Fire Services Department to Anti Corruption Organization as the accusations made by him in the Fire Service against Kunwar Fateh Bahdur, Principal Secretary, Home and other senior officers is being enquired into by Atul, who is presently the DG of the same Anti Corruption Organization.
This creates a very unique situation where the complainant and the enquiry officer have got posted in the same organization. The result of this situation will be that the same officer, Atul, will be his enquiry officer in the allegations made against very senior officers and will also be his supervising officer as regards his day to day work. In such a situation, the complaining officer, D D Mishra will not be able to express his grievances to the fullest extent. This also goes against the Principle of Natural Justice which says that justice shall not only be done, it shall also seem to be done.
We fail to understand why a need arose to transfer D D Mishra to the same organization where his enquiry officer was posted. We take this as an attempt to adversely affect the enquiry. I, as the Convener of the National RTI Forum, have written to the Chief Minister to reconsider her decision and post D D Mishra to some other department where he is not posted under his enquiry officer.
Dr Nutan Thakur
# 94155-34525
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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