सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ/१४ दिसम्बर २०१७…………
किसी भी युद्ध में वायुसेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और वायु
सेना की रीढ़ की हड्डी होते हैं वायु सैनिक और इसीलिये एक-एक वायु सैनिक
का जीवन अनमोल होता है पर क्या आप जानते हैं कि इस साल हमारे देश भारत की
वायु सेना ने कितने अनमोल वायु सैनिक गवां दिए हैं? नहीं न l तो चलिए अब
हम आपको इसकी सटीक जानकारी दिए देते हैं क्योंकि आबादी के हिसाब से देश
के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई
एक्टिविस्ट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई पर भारत
के वायु सेना मुख्यालय ने संजय को जो जानकारी दी है उससे यह चौंकाने वाला
खुलासा हो गया है कि चालू साल २०१७ के शुरुआती १० महीने में ही पिछले ९
सालों के बराबर यानि कि १ जनवरी २००८ से ३१ दिसम्बर २०१६ तक के समय में
शहीद हुए वायुसैनिकों के बराबर वायुसैनिक शहीद हो गए हैं
देश में पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में काम
रहे चोटी के समाजसेवियों में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते सितम्बर
महीने की ०४ तारीख को भारत के रक्षा मंत्रालय में एक आरटीआई अर्जी भेजी
थी l नई दिल्ली स्थित भारत के वायु सेना मुख्यालय की विंग कमांडर और
केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी सुमन अधिकारी ने संजय को जो सूचना दी है उसके
अनुसार देश ने साल २००७ में २, साल २००८ में १,साल २०१३ में ५,साल २०१६
में १ और चालू साल २०१७ के शुरुआती १० महीनों में ७ वायुसैनिक गवां दिए
हैं
देश भर में अपने तेजतर्रार रुख के लिए जाने जाने वाले समाजसेवी संजय
शर्मा ने इस स्वतंत्र पत्रकार को एक विशेष बातचीत में बताया कि उनको दी
गई सूचना से स्पष्ट है कि साल २००७ से २०१३ तक के पूर्ववर्ती
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम ७ सालों में ८ वायुसैनिक शहीद हुए थे
जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरंभिक साढ़े तीन साल में ही ८
वायुसैनिक शहीद हो गए हैं l इस आधार पर संजय का कहना है कि अगर दोनों
प्रधानमंत्रियों के कार्यकालों की तुलना करें तो वर्तमान पीएम नरेंद्र
मोदी के कार्यकाल में देश के वायुसैनिकों के शहीद होने की दर पूर्व पीएम
मनमोहन सिंह के कार्यकाल की दर से दोगुनी हो गई है l
वायुसैनिकों के शहीद होने की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संजय ने
इन घटनाओं को देश की अपूर्णनीय क्षति बताया और देश के राष्ट्रपति और
प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वायुसैनिकों के शहीद होने की दर के दोगुना
होने के कारणों की खोज करने के लिए जांच कराने और आवश्यक कदम उठाकर अनमोल
वायुसैनिकों के शहीद होने की दर को कम करने के आवश्यक उपाय करने की मांग
उठाने की बात भी इस स्वतंत्र पत्रकार से कही है