सूचना आयोग ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारी पर 25,000 रुपये का जुर्माना किया। अधिकारी ने का मांगी गई सूचना का जवाब देने में देरी की थी।
शिव बाबू की ओर से यह याचिका पिछले वर्ष 15 अक्टूबर को दायर की गई थी। शिव बाबू पकड़े गए अवैध साइकिल रिक्शों की संख्या और दिल्ली नगर निगम के रिक्शा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या के बारे में जानकारी चाहते थे। दिल्ली नगर निगम के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) ने इस याचिका पर एम.सी.डी. एक अधिकारी महेश शर्मा से मदद मांगी। शर्मा ने 18 जनवरी 10 को सूचना उपलब्ध कराई और वह भी अधूरी सूचना।
जन सूचना सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने अपने आदेश में कहा है आयोग ने शर्मा से देरी का कारण जानना चाहा तो एम.सी.डी. अधिकारी ने कहा कि वह बहुत व्यस्त हैं और उन्हें अवैध रिक्शों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में भी जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस काम के प्रबंधन के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास कर्मचारियों की कमी थी। सूचना आयुक्त ने समय से सूचना उपलब्ध न कराये जाने पर 25,000 रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया।
जन सूचना अधिकार कानून के अनुसार 30 दिनों के भीतर सूचना उपलब्ध करा दी जानी चाहिए। वैध कारणों से यह अवधि 30 दिनों के बदले बढ़ा कर 45 दिन की जा सकती है।