सूचना के अधिकार को लेकर मचाए जा रहे हो हल्ले के बीच सरकार के आला अफसर सूचना देने में भी गलियां निकालने में लगे हैं। जोधपुर के एक आवेदक ने प्रमुख शासन सचिव (पीएचईडी) से आरटीआई के तहत कुछ जानकारी मांगी थी। उसे पांच माह तक तो टरकाया जाता रहा। बाद में कहा गया कि वह कार्यालय में आकर बताए कि उसे क्या सूचना चाहिए। दरअसल, शहर के सरदारपुरा निवासी एनएल व्यास ने २६ सितंबर 0९ को आरटीआई के तहत लोक सूचना अधिकारी एवं प्रमुख शासन सचिव, पीएचईडी, जयपुर को आवेदन भेजा था। इसमें विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया सहित पांच जानकारियां मांगी थी। इस आवेदन पर शासन उप सचिव (प्रथम) ने 16 अक्टूबर को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जयपुर के मुख्य अभियंता (मुख्यालय) को वांछित सूचनाएं अविलंब उपलब्ध करवाने व विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए।
इस पत्र को दो माह से अधिक समय तक फाइल में रखने के बाद मुख्य अभियंता (मुख्यालय) कार्यालय की ओर से अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) जन स्वा. अभि. विभाग ने 22 दिसंबर को पत्र भेजा। इसमें कहा किया गया ‘प्रार्थी द्वारा चाही गई आंशिक सूचना तकनीकी सदस्य एवं तकनीकी सहायक-प्रथम से प्राप्त हो गई है। बिन्दु संख्या 2, 3, 4, 5 की सूचना प्रशासनिक विभाग से संबंधित होने के कारण प्रार्थी का पत्र आपको सूचना भेजने के लिए प्रेषित किया जा रहा है। आप शीघ्र सूचना उपलब्ध करावें, जिससे प्रार्थी को सूचना उपलब्ध करवाई जा सके।’ इसके करीब तीन माह बाद प्रमुख शासन सचिव, पीएचईडी कार्यालय को इस पत्र की याद आई। शासन उप सचिव (प्रथम) ने 3 मार्च 2010 को एक पत्र प्रार्थी को भेजते हुए लिखा कि संदर्भित आवेदन पत्र 26.09.09 द्वारा चाही जा रही सूचना स्पष्ट नहीं है। कृपया किसी कार्यालय दिवस में उपस्थित होकर वांछित सूचना स्पष्ट कर, प्राप्त करें।