बाल विकास परियोजना कार्यालय से मांगी थी सूचना
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) – कई बार उच्चाधिकारियों ने दिए कड़े निर्देश, कई बार सम्बंधित अधिकारियों को हुआ जुर्माना इसके बावजूद भी जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं विभागीय अधिकारियों द्वारा नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। एचआरएलएन के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि शायद इन अधिकारियों को विभाग में चल रहे भ्रष्टचार की पोल खुलने का भय सताता है जिसके चलते विभागीय कर्मी लोगों द्वारा मांगी गई सूचनाएं नही उपलब्ध कराते।
ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि बाल विकास योजना कार्यालय व इसके अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ियों में सम्बंधित लोगों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार मचाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां एक ओर आंगनबाड़ी में आने वाला पुष्टाहार पशुओं का स्वास्थ्य बढ़ाने में प्रयोग होता है। वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सहायिकाओं का भी उत्पीड़न होता है। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय समय से नहीं मिलता और न ही उनकी उपस्थिति के हस्ताक्षर बनवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीती 25 जून 09 को उन्होंने पंजीकृत डाक से पत्रा भेज जिला कार्यक्रम अधिकारी से विभाग में हो रहे भ्रष्टचार से सम्बंधित सूचनाएं मांगी थी। लेकिन उन्हें सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा लालापुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में हो रहे बाल पोषाहार के दुरुपयोग व सहायिका को 6 माह से मानदेय न मिलने की जानकारी भी मांगी गई थी। श्री मिश्रा ने कहा कि जबकि जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं समय से उपलब्ध कराने के निर्देश शासन ने विभागीय अधिकारियों को दिए है और इसे कड़ाई से लागू करने के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। फिर भी अधिकारियों द्वारा इस ओर से अनदेखी की जाती है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से इस सम्बंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।