Posted on 09 March 2010 by admin
बाल विकास परियोजना कार्यालय से मांगी थी सूचना
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) – कई बार उच्चाधिकारियों ने दिए कड़े निर्देश, कई बार सम्बंधित अधिकारियों को हुआ जुर्माना इसके बावजूद भी जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं विभागीय अधिकारियों द्वारा नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। एचआरएलएन के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि शायद इन अधिकारियों को विभाग में चल रहे भ्रष्टचार की पोल खुलने का भय सताता है जिसके चलते विभागीय कर्मी लोगों द्वारा मांगी गई सूचनाएं नही उपलब्ध कराते।
ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के जिला समन्वयक रुद्र प्रसाद मिश्रा का कहना है कि बाल विकास योजना कार्यालय व इसके अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ियों में सम्बंधित लोगों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार मचाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां एक ओर आंगनबाड़ी में आने वाला पुष्टाहार पशुओं का स्वास्थ्य बढ़ाने में प्रयोग होता है। वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सहायिकाओं का भी उत्पीड़न होता है। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय समय से नहीं मिलता और न ही उनकी उपस्थिति के हस्ताक्षर बनवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीती 25 जून 09 को उन्होंने पंजीकृत डाक से पत्रा भेज जिला कार्यक्रम अधिकारी से विभाग में हो रहे भ्रष्टचार से सम्बंधित सूचनाएं मांगी थी। लेकिन उन्हें सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा लालापुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में हो रहे बाल पोषाहार के दुरुपयोग व सहायिका को 6 माह से मानदेय न मिलने की जानकारी भी मांगी गई थी। श्री मिश्रा ने कहा कि जबकि जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं समय से उपलब्ध कराने के निर्देश शासन ने विभागीय अधिकारियों को दिए है और इसे कड़ाई से लागू करने के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। फिर भी अधिकारियों द्वारा इस ओर से अनदेखी की जाती है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों से इस सम्बंध में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
Posted on 07 March 2010 by admin
नई दिल्ली – देश के कई सूबों की कांग्रेस सरकारें सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च तो कर देती है लेकिन इसका औचित्य बताने में अचकचा जाती हैं। दिल्ली सरकार ने सवा दो साल में यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए।
मंदी के दौर में ( 27 मई 2007 से 28 अगस्त 2009 तक)हुए इस खर्च के बारे में आरटीआई के तहत पूछा गया कि सोनिया गांधी के फोटो किस आधार, योग्यता, पद आदि के कारण छापे गए हैं, तो जवाब था कि इसकी कोई जानकारी नहीं है। हिसार के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वर्मा आरटीआई दायर की थी। उन्होंने दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा की कांग्रेस सरकार से भी सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर सूचना मांगी थी।
हरियाणा राज्य जन सूचना अधिकारी का विज्ञापनों में सोनिया गांधी की तस्वीरें छापने का औचित्य पूछे जाने पर जवाब है, उनकी तस्वीरें भारत सरकार का पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी)समय-समय पर प्रकाशित करने के लिए भेजता है। इसी का अनुकरण राज्य में किया जा रहा है। इस बारे में कोई लिखित आदेश नहीं है। अधिकारी ने अपने जवाब में यह भी लिखा कि सार्वजनिक जीवन में जो आदर्श होते हैं, उनकी तस्वीरें विज्ञापन के साथ लगाई जाती हैं।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने मई 2007 से अगस्त 2009 के बीच यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से जुड़े 7,483 वर्ग सेंटीमीटर विज्ञापनों पर एक करोड़ 90 लाख 55 हजार 837 रुपये खर्च किए। दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय में जन सूचना अधिकारी नलिन चौहान ने अपने जबाव में केवल दो वर्ष तीन महीने का ब्यौरा उपलब्ध कराया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से जुड़े विज्ञापन के आधार एवं योग्यता के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं होने की बात कही।
आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2007-08 में 27 मई 2007 को एक ही दिन में सोनिया गांधी से जुड़े तीन अलग-अलग विज्ञापनों पर 23 लाख 53 हजार 909 रुपये खर्च किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 की अवधि में 32 लाख 83 हजार 552 रुपये खर्च हुए। वर्ष 2007 में ही 17 जून को पांच लाख दो हजार 21 रुपये, एक जुलाई को 90 हजार 843 रुपये तथा 29 जुलाई 2007 को 33 हजार 679 रुपये खर्च किए गए।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 में कांग्रेस प्रमुख से संबंधित विज्ञापन पर एक करोड़ 31 लाख 50 हजार 575 रुपये खर्च हुए, जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में 28 अगस्त 2009 को सोनिया गांधी के विज्ञापन पर 29 लाख 24 हजार 810 रुपये खर्च किए गए।
वित्त वर्ष 2008-09 में सोनिया गांधी के विज्ञापन पर दो अक्टूबर 2008 को नौ लाख 18 हजार 427 रुपये, 26 जनवरी 2009 को गणतंत्र दिवस के दिन दो अलग अलग विज्ञापनों में 61 लाख 26 हजार 665 रुपये, जबकि 30 जनवरी 2009 को महत्मा गांधी के पुण्यतिथि के दिन दो विज्ञापनों पर 61 लाख पांच हजार 483 रुपये खर्च किए गए।
source : navbharattimes
Posted on 07 March 2010 by admin
New Delhi – The Supreme Court would file an appeal before itself in the next few days challenging the judgement of Delhi High Court holding that the office of the Chief Justice of India came under the ambit of the RTI Act.
The appeal, though drafted more than a month ago, could not be brought on record before the registry due to a technical glitch but the same would be formalised after the court reopens on Monday after a week-long Holi recess, official sources told PTI.
The sources said that CJI K G Balakrishnan had consultations with other apex court judges on the issue and the grounds taken by it in the appeal are identical to the stand taken in the High Court that disclosure of information held by the CJI would hamper independence of judiciary.
source : PTI
Posted on 06 March 2010 by admin
शिलांग- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि सूचना का अधिकार कानून संप्रग सरकार की पहली प्रमुख उपलब्धि है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रतिष्ठित संस्थान एम्स की तर्ज पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के पहले पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंस्टीट्यूट का शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने औपचारिक तौर पर उद्घाटन किया। एक जनसभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि सूचना के अधिकार को स्वीकार किया जाना संप्रग सरकार की पहली प्रमुख उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह सरकार के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने इस कानून का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने का आह्वान करते हुए कहा कि चाहे कोई भी सरकार सत्ता में हो, कोई भी नागरिक कानून के माध्यम से सरकार से सवाल पूछ सकता है और जवाब की आशा कर सकता है। नार्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट फार हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज का शुभारंभ 2002 में किया गया था। इसकी परिकल्पना दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने करीब दो दशक पहले की थी। सोनिया ने कहा कि एनईआईजीआरआईएचएमएस के उद्घाटन से आज राजीव गांधी की दृष्टि का एक अहम पहलू साकार हो गया। अनुसंधान और इलाज में इसे महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।’’ संस्थान के पास क्षेत्र का सर्वाधिक आधुनिक हृदय रोग विभाग, संसाधनों से लैस न्यूरोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग और 30 बिस्तरों वाला सघन निगरानी कक्ष है। यहां 68 वरिष्ठ रेजीडेंट चिकित्सकों और 70 जूनियर चिकित्सकों के अलावा 39 अध्यापक हैं। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक बार जब यह संस्थान पूरी तरह से काम करने लगेगा, तो इसमें 35 स्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी विभाग होंगे।’’ नई दिल्ली स्थित एम्स, और चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर की तर्ज पर तैयार किया गया यह संस्थान पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रथम और एकमात्र स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान है।