Posted on 13 March 2010 by admin
नई दिल्ली – सरकार ने उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के पद पर प्रोन्नति के लिए भेजे गए उन जजों के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है जिनके नाम पर राष्ट्रपति ने आपत्ति प्रकट की है। अब इस मामले पर केन्द्रीय सूचना आयोग को फैसला करना है। इस बारे में सूचना सामाजिक कार्यकर्ता एस.सी अग्रवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई) के तहत मांगी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अग्रवाल के आवेदन पर केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी ने कहा था कि मन्त्रालय के पास ऐसी कोई सूची नहीं है। यह आवेदन राष्ट्रपति सचिवालय के पास पहुंचा थाए जहां से इसे जवाब देने के लिए मन्त्रालय के पास भेज दिया गया था। आवेदन में पूछा गया था कि उच्चतम न्यायालय के लिए अथवा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश पदों पर प्रोन्नति के लिए किन जजों का नाम कम से कम एक बारं लौटाया गया।
अग्रवाल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की पदोन्नति के प्रस्ताव को विधि मन्त्रालय द्वारा कोलेजियम को लौटाने के परिप्रेक्ष्य में यह जानकारी मांगी थी। प्रथम अपीली प्राधिकार तथा संयुक्त सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी ने आवेदनकर्ता को सूचित किया कि ऐसी कोई सूची रखने की व्यवस्था नहीं है, लिहाजा इस बारे में कोई सूचना नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि किसी अन्य प्राधिकार के पास ऐसी सूचना है अथवा नहीं।
Posted on 21 February 2010 by admin
Posted on 05 February 2010 by admin
देहरादून- आरटीआई को आन लाइन करने से सूचना अधिकार के तहत जानकारी के लिए संबंधित विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगाना तो दूर की बात होगी ही इस संबंध में होने वाली कागजी कार्रवाई से भी निजात मिलेगी तो समय की बचत अलग से।
केंद्र ने राज्य सरकार को सूचना अधिकार को बढ़ावा देने को लेकर प्रयासों में और भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। आरटीआई को आन लाइन करने की तैयारी इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारी को होने वाली कागजी कार्रवाई में आवेदक और विभाग दोनों का काफी समय जाया होता है। इसे बचाने की दिशा में काम तेज किया गया है। इस बारे में केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने सूबे के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार मंत्रालय और हैदराबाद स्थित सेंटर फार गुड गवर्नेस द्वारा शुरू होने वाले आनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स से आन लाइन आरटीआई के बारे में प्रशिक्षित किया जाना है। मंत्रालय के सुझाव पर अमल करते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव व सचिवों को अपने यहां आरटीआई से अफसरों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने को कहा है।
आरटीआई कानून का सूबे में सही समय से अनुपालन हो इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने भी इस बारे में रुचि दिखाई है। योजना के तहत विभागों के लोक सूचना अधिकारी, सहायक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारियों को इस कोर्स के लिए दिल्ली भेजा जाएगा।
Posted on 25 January 2010 by admin
New Delhi – The Supreme Court is believed to have filed an appeal before itself challenging the judgement of the Delhi High Court holding that the office of the Chief Justice of India came under the ambit of the RTI Act.
Highly placed sources today said that the appeal against the January 12 verdict has been filed after there was unanimity among the judges of the apex court on challenging the verdict.
Sources said CJI K G Balakrishnan had consultation with other apex court judges on the issue and the grounds taken by it in the appeal are identitical to the stand taken in the High Court that disclosure of information held by the CJI would hamper independence of judiciary.
They said Attorney General would argue the matter on behalf of the apex court registry when it is expected to be listed for hearing shortly.
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Source: Jan 23 (PTI)